taza masala

Ramadan 2024 Date in India: सऊदी में दिखा रमजान का चांद, भारत में 12 मार्च से शुरू होंगे रोजे

Ramadan 2024 chand sighting: सऊदी अरब में रमजान का चांद दिख गया है. ऐसे में सऊदी अरब में कल यानी 11 मार्च से रमजान की शुरुआत होने वाली है. भारत में 12 मार्च से रोजे रखे जाएंगे. सही तारीख और टाइम जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

Ramadan 2024 Date in India: सऊदी में दिखा रमजान का चांद, भारत में 12 मार्च से शुरू होंगे रोजे

Ramadan chand 2024 in India: आमतौर पर, रमजान का चांद सबसे पहले सऊदी अरब में दिखता है जिसके एक दिन बाद भारत के कुछ हिस्सों के साथ-साथ कुछ पश्चिमी देशों में देखा जाता है. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों में चांद एक ही दिन देखा जाता है. रमजान 2024 का चांद आज रात यानी 10 मार्च, 2024 को दुनिया के कुछ हिस्सों में देखे जाने की उम्मीद थी, जिसके बाद सऊदी अरब में रमजान 2024 का अर्धचंद्र देखा गया है. इसलिए सऊदी में पवित्र रमजान का पहला रोजा सोमवार 11 मार्च 2024 को है. यहां पर सभी मस्जिदों में तरावीह आज से ही शुरू हो गई है.

भारत में कब रखा जाएगा पहला रोजा? (Ramadan chand in India 2024)

सऊदी अरब के साथ ही संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में कल सोमवार, 11 मार्च को रमजान 2024 का पहला रोजा रखा जा रहा है. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में रमजान एक दिन बाद शुरू होगा यानी 11 मार्च की शाम से तरावीह होगी और 12 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा.

सऊदी अरब में रमजान शुरू (Saudi Arabia ramadan chand)

सऊदी अरब में रमजान का चांद 10 मार्च यानी आज दिखाई दे गया है, तो यहां पहला रोजा 11 मार्च को रखा जाएगा. वहीं भारत और पाकिस्तान में रमजान का चांद सऊदी अरब के चांद के एक दिन बाद दिखता है, इसलिए इन देशों में रमजान के रोजे की शुरुआत सऊदी अरब के एक दिन बाद से होगी.

रमजान के रोजे कब से शुरू होंगे?

सऊदी अरब में रमजान का चांद दिख गया है. अक्सर सऊदी अरब में चांद दिखने के एक दिन बाद भारत में अलगे दिन चांद दिखाई देता है. ऐसे में भारत में 11 मार्च सोमवार को चांद दिखेगा. भारत में इस साल रमजान की तारीख 12 मार्च 2024 है. रमजान चांद दिखने पर शुरू होता है और उसके अगले दिन से रोजा रखा जाता है. मंगलवार 12 मार्च को भारत में पहला रोजा रखा जाएगा.

रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है जो कि 720 घंटे यानी चार सप्ताह और दो दिनों तक चलता है. इस दौरान मुस्लिम लोग सुबह से शाम तक रोजा रखते हैं. इसे रहमत और बरकत का महीना कहा जाता है, जिसमें लोग ज्यादा से ज्यादा वक्त इबादत में गुजारते हैं और दान या जकात देते हैं. हालांकि, रोजों की तारीख हर साल बदलती रहती है क्योंकि इस्लामी कैलेंडर के चांद दिखने पर आधारित है, इसलिए इसकी शुरुआत और समापन आधे चांद के दिखने पर निर्भर करती है.

क्यों खास है रमजान?

इस्लाम धर्म में रमजान का महीना सबसे पाक माना जाता है. इस पूरे महीने मुस्लिम लोग रोजा यानी उपवास रखते हैं और अपना ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में बिताते हैं. मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए इस महीने के आखिर में ईद-उल-फितर मनाते हैं, जिसे मीठी ईद भी कहा जाता है. मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक रमजान का महीना इसलिए इतना पाक माना गया है क्योंकि इस महीने में पैगंबर मोहम्मद साहब को साल 610 में लैलतुल-कद्र के मौके पर इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरआन शरीफ मिली थी.

रमज़ान के महीने में, मुस्लिम व्यक्ति अपने दिन को उपवास, दुआ, और कुरान की तिलावत के साथ बिताते हैं। इसके अलावा, दान, चरित्र शुद्धि, और समाज सेवा का भी महत्व होता है। यह माना जाता है कि रमज़ान के महीने में पूरी तरह से ईश्वर के साथ संबंध स्थापित किए जा सकते हैं और अपने दिल को शुद्ध किया जा सकता है।

रमज़ान के अंत में ईद-उल-फ़ित्र मनाई जाती है, जिसे ‘मीठा ईद’ भी कहा जाता है। यह एक खुशी का मौका होता है जिसमें लोग अलग-अलग खाद्य पदार्थों का आनंद लेते हैं, उनके परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं, और दान करते हैं।

Exit mobile version